मत करना केवाईसी के नाम पर ऐप इन्स्टॉल करने की गलती, वरना E wallet से निकल जाएंगे पैसे

आपके पास यदि ई-वॉलेट की केवाईसी कराने के लिए किसी ऐप इन्स्टॉल करने के लिए कहा जाता है तो सतर्क हो जाइए, क्योंकि साइबर ठग केवाईसी कराने के नाम पर ऐप इन्स्टॉल कराने के बाद आपका फोन अपने नियंत्रण में ले लेते हैं। इसके बाद आपके खाते की तमाम रकम आरोपित के खाते में ट्रांसफर हो जाती है। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद जिले में पिछले 14 दिन में 156 लोगों के साथ साइबर वारदात हो चुकी है। इनमें 29 मामलों में केवाईसी के नाम पर ऐप इन्स्टॉल कराकर ठगी की गई है। पुलिस इन ठगों पर कार्रवाई करने नाकाम है।


गाजियाबाद जिले में बढ़ते साइबर अपराध के मद्देनजर नगर कोतवाली में 24 सितंबर को तकनीकी सुविधाओं से लैस साइबर सेल का उद्घाटन किया गया था। उद्घाटन के बाद साइबर सेल में 156 साइबर अपराध की शिकायतें आई हैं। इनमें से सेल ने 31 शिकायतों को संबंधित थाने में भेज दिया है। अपग्रेडेड साइबर सेल में अभी तक एक भी शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ है। थाने में भेजी गई शिकायतों की हालत ये है कि थाना पुलिस सीसीटीवी कैमरे आदि खंगालने के बाद खानापूर्ति कर रही है।


ई-वॉलेट की केवाईसी कराने के नाम पर ठगने वाले साइबर अपराधी ज्यादा सक्रिय हैं।आरोपित फोन कर ई-वॉलेट की केवाईसी कराने के लिए ऐप इन्स्टॉल करने के लिए विभन्न प्रकार का प्रलोभन व हथकंडे अपनाते हैं। ऐप इन्स्टॉल होने के तुरंत बाद पीड़ित से उसमें कुछ जानकारी भरने के लिए कहा जाता है। इसके बाद पीड़ित के मोबाइल का नियत्रंण आरोपित के हाथों में चला जाता है। इसके बाद जालसाज खाते की जानकारी लेकर रकम ट्रांसफर कर लेते हैं।


जालसाज ओएलएक्स पर सामान खरीदने व बेचने के नाम पर यूपीआइ पर रिक्वेस्ट मनी भेजकर ठगी कर रहे हैं। यूपीआइ के जरिये पिछले 14 दिनों में 34 लोगों को ठगा गया है। इन ठगों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती है।


वहीं, कविनगर में एक महिला के ई-वॉलेट की केवाईसी कराने के नाम पर साइबर ठगों ने 55 हजार रुपये खाते से साफ कर दिए। पीड़िता ने साइबर सेल में मामले की शिकायत की है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।


बिनाका अग्रवाल गौड़ सिटी ग्रेटर नोएडा में परिवार के साथ रहती हैं। वह कविनगर में नौकरी करती हैं। मंगलवार को वह कार से ऑफिस जा रही थीं। इस दौरान उनके मोबाइल पर एक फोन आया। कॉल करने वाले उन्हें केवाईसी कराने के लिए कहा। पहले तो महिला ने केवाईसी कराने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में आरोपित ने प्रलोभन दिया तो महिला केवाईसी कराने के लिए राजी हो गई।


आरोपित ने प्ले स्टोर से एक ऐप इन्स्टॉल करने के लिए कहा। महिला ने जैसे ही वह ऐप इन्स्टॉल किया तो उनके मोबाइल पर आरोपित का नियंत्रण हो गया। इसके बाद आरोपित ने उनके खाते की डिटेल लेकर अपने खाते में 55 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए। रकम ट्रांसफर करने के लिए आरोपित ने ओटीपी भी खुद ही ले लिया। पीड़िता ने इस दौरान ऐप को डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन वह डिलीट नहीं हो सका। पीड़िता ने साइबर सेल में मामले की शिकायत की है।


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